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सेल्समैन रघुवीर बागरी के हौसले बुलंद, विकास यात्रा में खुली पोल

 सेल्समैन रघुवीर बागरी के हौसले बुलंद, विकास यात्रा में खुली पोल



ढीमरखेड़ा | सहकारिता विभाग दशरमन के द्वारा उचित मूल्य दुकान गूंडा में सेल्समैन रघुवीर बागरी के ऊपर ग्रामीणों के द्वारा आरोप लगाते हुए बताया कि सेल्समैन रघुवीर बागरी राशन वितरण में जमकर काला - बाजारी करते हैं। फिंगर लगवाकर दो माह की जगह पर एक माह का राशन वितरण किया जाता हैं। सूत्र बताते हैं कि नमक का वितरण इनके द्वारा तो किया ही नहीं जाता। सरकार चाहे कितने भी जतन कर ले लेकिन योजना का लाभ हितग्राहियों तक बिना भ्रष्टाचार के पहुंच ही नहीं पाता है। 

*विकास यात्रा में की गई थीं शिकायत*

सभी ग्रामों में इस समय विकास यात्रा की पहल सरकार के आदेशानुसार की जा रही हैं तो इसी बीच कर्मचारियों की भी पोल खुल रही हैं। लिहाजा ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए जनप्रतिनिधियों से शिकायत की कि सेल्समैन रघुवीर बागरी के बात करने का लहजा ठीक नहीं है। राशन भी हमको समय से नहीं दिया जाता हैं। महिलाओं के द्वारा विकास यात्रा में जमकर हंगामा किया गया इस हंगामे को देखकर जनप्रतिनिधियों ने मोर्चा संभालते हुए महिलाओं और ग्रामीणों को समझाते हुए सेल्समैन रघुवीर बागरी को समय से राशन वितरण करने के लिए कहा गया। 

*प्रभारी कोई और खरीदी की कमान कोई और संभाल रहा*

खरीदी प्रभारी कछारगांव में कोई और नियुक्त किया गया लेकिन खरीदी की कमान रघुवीर बागरी संभाल रहे हैं। जब इस विषय में पूछा गया तो बताया गया कि में तो केवल देखरेख के लिए लगा हूं तब पोल खुली की खरीदी प्रभारी ना होते हुए रघुवीर बागरी खरीदी की कमान संभाल रहे हैं। खरीदी की कमान संभालने का एक और कारण है कि जो जिस विषय की जानकारी एकत्रित कर लेता हैं उसका महारथी बन जाता हैं। अब रघुवीर बागरी खरीदी के विषय में पारंगत हैं किसको कैसे डील करना हैं इनको सब पता हैं इसलिए इनको खरीदी प्रभारी ना रहते हुए भी खरीदी की कमान सौप दी गई।

*पूर्व में खरीदी में धांधली की वजह से एस. डी. एम. ने की थी कार्यवाही*

खरीदी की धांधली जब परवान चढ़ गई तो इसकी शिकायत पूर्व में एस. डी. एम. के पास पहुंची तो तत्काल संज्ञान लेते हुए एस. डी. एम. ने केन्द्र पहुंचकर मौका स्थल पर देखा तो पाया कि जो शिकायत की गई है वह सही हैं केंद्र प्रभारी रघुवीर बागरी के ऊपर कार्यवाही की कलम चलाते हुए इनकी धांधली को वही रोक दिया गया था। अब सोचा जा सकता हैं कि इनके कारनामें इतने जगजाहिर हैं कि पूर्व से ही इनके द्वारा इतना अच्छा कार्य किया जा रहा हैं तो अब इनके द्वारा कैसा कार्य किया जा रहा होगा। किसानो से जमकर कमीशन लेकर अपनी जेबें गर्म की जा रही होगी। बहरहाल खरीदी केन्द्र पर मौका स्थल पर देखा जाएं तो किसान कम साहूकारों की भरमार समझ में आयेगी।

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