सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

चेकपोस्ट नाकों से गायब होना 5 कर्मचारियों को पड़ा महगा कलेक्टर ने जारी किया कारण बताओ नोटिस

 चेकपोस्ट नाकों से गायब होना 5 कर्मचारियों को पड़ा महगा

कलेक्टर ने जारी किया कारण बताओ नोटिस

 कटनी  - चेकपोस्ट नाकों में डियूटी पर तैनात कर्मचारियों को गायब रहना पडा महंगा। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी अवि प्रसाद ने विधानसभा निर्वाचन की आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद चेकपोस्ट नाकों की निगरानी का दायित्व निभाने कर्मचारियों की डियूटी लगाई थी। लेकिन श्रद्धा वेयर हाउस पीरबाबा में स्थापित चेकपोस्ट में डियूटी पर तैनात पांच कर्मचारी अपने कर्तव्यों से नदारत पाये गए। कलेक्टर ने इन सभी पांच कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दो कार्यदिवसों में स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है। कलेक्टर श्री प्रसाद ने जिन कर्मचारियों को नोटिस जारी किया है उनमे नगर निगम कटनी के राजस्व उप निरीक्षक सुरेन्द्र कुमार परौहा, पशु चिकित्सालय कटनी के ए.व्ही.एफ.ओ राकेश कुमार कुशवाहा और वन विभाग के वनरक्षक कमल कुमार दुबे तथा पुलिस विभाग के सहायक उप निरीक्षक वहाब खान तथा प्रधान आरक्षक नीलेश दुबे शामिल है। वन रक्षक कमल कुमार दुबे के विरूद्ध कार्यवाही हेतु कलेक्टर ने जहां वन मंडल अधिकारी को पत्र लिखा है वहीं चेकपोस्ट नाका से गायब रहे सहायक उपनिरीक्षक और प्रधान आरक्षक के विरूद्ध कार्यवाही हेतु पुलिस अधीक्षक को पत्र प्रेषित किया है। ये सभी कर्मचारी पीरबाबा चेकपोस्ट से 29 अक्टूबर की रात्रि 9ः15 बजे से 31 अक्टूबर को प्रातः 8 बजे तक सी.सी.टीवी कैमरों के रिकार्डेड फुटेज की जांच के दौरान गायब पाये गए।कलेक्टर श्री प्रसाद ने इन कर्मियों द्वारा निर्वाचन जैसे राष्ट्रीय महत्व के कार्य में रूचि नहीं लेने और लापरवाही बरतनें पर नाराजगी व्यक्त की है और संतोष जनक जवाब नहीं दिये जाने की स्थिति पर एकपक्षीय कार्यवाही किये जाने की चेतावनी भी दी हैं।उल्लेखनीय है कि जिले में स्थापित सभी चैकपोस्ट नाके सी.सी.टी.वी. कैमरों की निगरानी में है और इन सभी चेक पोस्ट नाकों पर होने वाली हर गतिविधि की जिला स्तर पर स्थापित जिला स्तरीय वेबकास्ट व्यूइंग कंट्रोल रूम की टीम द्वारा चेक पोस्टों की हर गतिविधि पर कड़ी नजर रखी जाती है। जिसमें चेकपोस्ट नाकों पर तैनात कर्मचारियों सहित नाकों से गुजरने वाले हर व्यक्ति और वाहनों की भी 24 घंटे निगहबानी की जा रही है।

टिप्पणियाँ

popular post

उमरियापान सरपंच अटल ब्यौहार के पुत्र आदित्य, जूही के साथ बंधे सात - फेरो में सुख दुःख में साथ देने का लिया वचन, मंगल भवन उमरियापान में दी गई पार्टी, परिंदों को मंज़िल मिलेगी कभी न कभी यह फैले हुए उनके पंख बोलते हैं,वही लोग रहते हैं ख़ामोश अक्सर,ज़माने में जिनके हुनर बोलते हैं

 उमरियापान सरपंच अटल ब्यौहार के पुत्र आदित्य, जूही के साथ बंधे सात - फेरो में सुख दुःख में साथ देने का लिया वचन, मंगल भवन उमरियापान में दी गई पार्टी, परिंदों को मंज़िल मिलेगी कभी न कभी यह फैले हुए उनके पंख बोलते हैं,वही लोग रहते हैं ख़ामोश अक्सर,ज़माने में जिनके हुनर बोलते हैं ढीमरखेड़ा | उमरियापान क्षेत्र की सबसे बड़ी पंचायत हैं लेकिन यहां के लोग अपनी पारंपरिक और सांस्कृतिक धरोहरों से गहरे जुड़े हुए हैं। इस विवाह ने न केवल दो परिवारों को एक किया, बल्कि गाँव की सामाजिक स्थिति और सामूहिक उत्सवों की परंपरा को भी उजागर किया। आदित्य और जूही का विवाह एक ऐसे मिलन का प्रतीक था जो भविष्य में गाँव के लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया हैं । आदित्य, उमरियापान के सरपंच अटल ब्यौहार के पुत्र हैं। उनके पिता ने गाँव के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, और आदित्य ने भी उनके आदर्शों का पालन करते हुए शिक्षा और समाज सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त की है। वह एक मेहनती, ईमानदार, और समर्पित व्यक्ति हैं। वहीं, जूही एक सशक्त और आत्मनिर्भर युवती हैं। उनकी शिक्षा और व्यक्तित्व ने उन्हें समाज मे...

पिड़रई निवासी वकील स्वाति तिवारी की एक प्रेरणादायक संघर्ष की कहानी

 पिड़रई निवासी वकील स्वाति तिवारी की एक प्रेरणादायक संघर्ष की कहानी ढीमरखेड़ा | पिड़रई की निवासी वकील स्वाति तिवारी का जीवन उन सभी के लिए प्रेरणास्त्रोत है जो कठिन परिस्थितियों में भी अपने सपनों को साकार करने का जज़्बा रखते हैं। बचपन से लेकर वकालत की शिक्षा पूरी करने तक, स्वाति तिवारी का सफर कठिनाइयों और संघर्षों से भरा रहा है। उनकी मेहनत, लगन और आत्मविश्वास ने न केवल उन्हें सफलता दिलाई, बल्कि समाज के लिए एक मिसाल भी पेश की है। *संघर्षों से भरा बचपन* स्वाति तिवारी का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ, जहां आर्थिक हालात ठीक नहीं थे। उनका बचपन बेहद कठिनाइयों में बीता। उनके पिता जिनकी आय इतनी नहीं थी कि परिवार की सभी जरूरतें पूरी कर सकें। बचपन में स्वाति को पढ़ाई के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ा। किताबो के लिए पैसे जुटाना उनके लिए हमेशा एक चुनौती रही। लेकिन स्वाति ने कभी हार नहीं मानी। उनके दृढ़ निश्चय और पढ़ाई के प्रति जुनून ने उन्हें अपनी कक्षा में हमेशा अव्वल रखा। उनके शिक्षकों ने भी उनकी प्रतिभा और मेहनत को पहचाना और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान की। *शिक्षा और वकालत का सपना* स्वाति को बचप...

क्षेत्रीय विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह ने अनुसूचित जनजाति सीनियर कन्या छात्रावास ढीमरखेड़ा में बच्चियों को वितरित किए ठंड वाले कपड़े, बच्चियों को पढ़ाई के लिए किया प्रेरित

 क्षेत्रीय विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह ने अनुसूचित जनजाति सीनियर कन्या छात्रावास ढीमरखेड़ा में बच्चियों को वितरित किए ठंड वाले कपड़े,  बच्चियों को पढ़ाई के लिए किया प्रेरित ढीमरखेड़ा | धीरेंद्र बहादुर सिंह, जो वर्तमान में क्षेत्रीय विधायक हैं, ने अनुसूचित जनजाति सीनियर कन्या छात्रावास ढीमरखेड़ा में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम में उन्होंने बच्चियों को ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े वितरित किए और उन्हें शिक्षा के प्रति प्रेरित किया। उनके इस कदम ने न केवल बच्चियों को सर्दी से राहत दी, बल्कि उनके मनोबल को भी बढ़ाया। इसके साथ ही, विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह ने इन बच्चियों के सामने एक आदर्श प्रस्तुत करते हुए उनके पैर पड़कर आशीर्वाद लिया, जो उनके सरल और सच्चे दिल की भावना को दर्शाता है। विधायक ने इस दौरान बच्चियों से कहा कि "मैं विधायक नहीं, बल्कि आपका बड़ा भाई हूं", इस संदेश के साथ उन्होंने बच्चियों को विश्वास दिलाया कि वह हमेशा उनके साथ खड़े रहेंगे। उनके इस वक्तव्य ने बच्चियों के दिलों में एक नया आत्मविश्वास भरा और उनके सामने एक नायक का उदाहरण प्रस्तुत किया। व...