शिक्षिका पर एफआईआर दर्ज करवाने में कांप रहे अधिकारियों के हाथ बड़वारा विकासखंड अंतर्गत फर्जी अंकसूची का मामला एक दूसरे के उपर डाल रहे जवाबदेही अंकसूची फर्जी फिर भी विभाग बना तमाशबीन करवाना था एफआईआर तो कर दिया डिमोशन
शिक्षिका पर एफआईआर दर्ज करवाने में कांप रहे अधिकारियों के हाथ
बड़वारा विकासखंड अंतर्गत फर्जी अंकसूची का मामला
एक दूसरे के उपर डाल रहे जवाबदेही
अंकसूची फर्जी फिर भी विभाग बना तमाशबीन
करवाना था एफआईआर तो कर दिया डिमोशन
ढीमरखेड़ा | जिले के बड़वारा शिक्षा केन्द्र अंतर्गत शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बरही में पदस्थ शिक्षिका मीना कोरी के द्वारा फर्जी अंकसूची लगाकर पदोन्नति हासिल कर ली गई। इस संबंध में शिकायत विभाग से की गई। लिहाजा विभाग के द्वारा संबंधित विश्वविद्यालय से जांच करवाई गई जिसमें विश्वविद्यालय द्वारा उक्त अंकसूची को फर्जी बताया गया। इस बात को स्वयं शिक्षा विभाग भी स्वीकार कर रहा है लेकिन शिक्षिका पर मामला दर्ज करने के संबंध में अधिकारी एक-दूसरे पर बात डाल रहे है।
स्मरण रहे कि प्राथमिक शिक्षक से माध्यमिक शिक्षक के पद पर पदोन्नति पाने के लिए नियम विरूद्ध कार्यवाही करते हुए गलत अंकसूची का सहारा लेकर माध्यमिक शिक्षक के पद पर पदोन्नति प्राप्त की थी। जिसके बाद उसकी अंकसूची को गलत पाये जाने पर मीना कोरी को पदावनत करके प्राथमिक शिक्षक के पद पर शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बरही मे ही प्राथमिक शिक्षक के पद पर पदस्थ किया गया था। लेकिन अब मीना कोरी के माध्यमिक शिक्षक के पद पर पदस्थापना के दौरान अर्जित की गई वेतन वसूली, विभागीय जांच और आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के संबंध में अनुमति प्रदान करने के संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी ने संयुक्त संचालक लोक शिक्षण को पत्र लिखा है लेकिन आज दिनांक तक संयुक्त संचालक के द्वारा फर्जी अंकसूची लगाने वाली शिक्षिका के विरूद्ध मामला दर्ज करवाने की अनुमति प्रदान नहीं की गई है।
समझ से परे अधिकारियों की जवाबदेही
उल्लेखनीय है कि अंकसूची फर्जी पाये जाने के बाद संबंधित शिक्षिका का प्रमोशन निरस्त करते हुये उसे मूल पद पर भेज दिया गया लेकिन उस पर मामला दर्ज नहीं करवाया गया और मामले में ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। इस मामले जहां कटनी जिला शिक्षा अधिकारी का रवैया समझ से परे है तो वहीं डॉ.रामकुमार स्वर्णकार अपर संचालक लोक शिक्षण संभाग जबलपुर के द्वारा भी घोर लापरवाही बरतते हुये संबंधित शिक्षिका पर मामला दर्ज नहीं किया जा रहा है। साथ ही साथ एक दूसरे पर जवाबदेही तय की जा रही है जो सही नहीं है। चूंकि संबंधित शिक्षिका के द्वारा फर्जी अंकसूची लगाई गई जिसका प्रमाणीकरण संबंधित विवि ने भी कर दिया बावजूद इसके मामला दर्ज नहीं करवाया जाना विभाग की घोर लापरवाही को दर्शित करता है।
संयुक्त संचालक ने कहा: कटनी कलेक्टर और डीईओ करवाये एफआईआर
इस मामले में जब अपर संचालक लोक शिक्षण संभाग जबलपुर डॉ.रामकुमार स्वर्णकार ने बात की तो उन्होंने बताया कि संबंधित शिक्षिका की अंकसूची फर्जी पाई गई जिस कारण से उनका डिमोशन कर दिया गया है। एफआईआर दर्ज करने का क्षेत्राधिकार मेरा नहीं है। इस मामले में कटनी कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी कटनी ही निर्णय करेंगे। यहां पर यह स्मरण रहे कि कलेक्टर कटनी के निर्देश पर जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा एक पत्र संयुक्त संचालक को प्रेषित किया गया था जिसमें मामला दर्ज करवाने के संबंध से अनुमति चाही गई थी इसके बावजूद भी संयुक्त संचालक द्वारा यह कहा जा रहा है कि यह मेरे कार्य क्षेत्र में नहीं है।
संयुक्त संचालक लिखित में दें तो ही करवायेंगे एफआईआर डीईओ
लिहाजा इस मामले में जब पी.पी. सिंह जिला शिक्षा अधिकारी कटनी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमारे द्वारा एक पत्र संयुक्त संचालक को प्रेषित किया गया है और उनके द्वारा लिखित में दिया जायेगा तो ही संबंधित शिक्षिका पर मामला दर्ज करवाया जायेगा। यह उनका कार्य क्षेत्र है बिना लिखित में अनुमति दिये मामला दर्ज नहीं करवायेंगे।
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