नहीं चाहिये नगर परिषद का तमगा, ग्राम पंचायत में ही खुश चारों पंचायतों के जनप्रतिनिधियों और ग्रामवासियों ने लिखित में पेश की आपत्ति ग्रामीणों में रोष व्याप्त, टैक्स चुकाने की सताने लगी चिंता
नहीं चाहिये नगर परिषद का तमगा, ग्राम पंचायत में ही खुश
चारों पंचायतों के जनप्रतिनिधियों और ग्रामवासियों ने लिखित में पेश की आपत्ति
ग्रामीणों में रोष व्याप्त, टैक्स चुकाने की सताने लगी चिंता
ढीमरखेड़ा - ग्राम पंचायत उमरियापान, ग्राम पंचायत पचपेढ़ी, ग्राम पंचायत बरौदा और ग्राम पंचायत बम्हनी को मिलाकर उमरियापान को नगर परिषद बनाने की प्रक्रिया चल रही है और विगत दिवस जब कलेक्टर द्वारा नगर परिषद बनाने राजपत्र में प्रारंभिक अधिसूचना प्रकाशित करने संबंधी पत्र जारी किया गया और इस संबंध में सभी जनप्रतिनिधियों और संबंधित ग्रामों के व्यक्तियों से आपत्ति/सुझाव मांगे गये है। लिहाजा इसी तारतम्य में उक्त प्रभावित होने वाली चारों पंचायतों के सरपंच, उपसरपंच एवं पंचों के द्वारा कटनी कलेक्टर ऑफिस में जाकर लिखित आपत्ति विस्तृत रूप से पेश की गई।
कुछ नेताओं के इशारे पर चल रही प्रक्रिया
सूत्रों ने बताया कि मात्र कुछ नेताओं के इशारे पर उक्त पूरी प्रक्रिया चल रही है । इस संबंध में जो भी आंकड़े प्रशासन के समक्ष पेश किये गये है वह फर्जी और बनावटी तथ्यों के आधार पर पेश किये गये है और कालम नम्बर 14 में पंचायतों की दूरी गलत प्रदर्शित की गई है। इस संबंध में बरौदा और बम्हनी के ग्रामीणों में ज्यादा आक्रोष व्याप्त है। चूंकि अभी कोई भी काम होता है तो वहां के ग्रामीण असानी से पंचायत में ही काम करा लेते है यदि उक्त ग्राम पंचायतों का समायोजन उमरियापान नगर परिषद में कर दिया जाता है तो वहां के नागरिकों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा और कोई भी काम के लिये उन्हें उमरियापान आना पड़ेगा जिससे उनको जहां आर्थिक क्षति होगी तो वहीं उनका बहुमूल्य समय भी बर्बाद होगा।
साहब मजदूरी करके कर रहे जीवनयापन , कैसे देंगे टैक्स ?
उमरियापान, पचपेढ़ी, बरौदा एवं बम्हनी ग्राम पंचायत को नगर परिषद बनाने की प्रक्रिया से ग्रामवासियों में भी भारी रोष है और उनके अंदर कहीं न कहीं इस बात का भी डर है कि नगर परिषद बनने से भारी भरकम टैक्स देना पड़ेगा। वर्तमान में ग्राम पंचायत में मात्र जल टैक्स ही देना पड़ता है जो नागरिकों के ऊपर निर्भर करता है। आधे से ज्यादा ग्रामीण जल टैक्स तक नहीं दे पाते है तो ऐसे में वे भारी भरकम टैक्स कैसे देंगे? सोमवार को कलेक्ट्रेट ऑफिस के समक्ष ग्रामीणों ने भी अपनी आपत्ति पेश की और उन्होंने अधिकारियों को बताया कि साहब हम मजदूरी करके जीवनयापन कर रहे है यदि उमरियापान को नगर परिषद बनाया जाता है तो हम लोग कहां जायेंगे। चूंकि नगर परिषद बनाने के कारण हमें संपत्तिकर, जलकर, सफाईकर, बिजलीकर, सहित अन्य विभिन्न प्रकार के कर देने होंगे जो हम देने में असमर्थ है। ग्रामीणों ने आपत्ति के माध्यम से मुख्यमंत्री से मांग की है कि जो प्रक्रिया चल रही है इसे निरस्त किया जावे और हम ग्राम पंचायत में ही खुश है।
वर्तमान जनप्रतिनिधियों ने नहीं दी सहमति
चारों पंचायतों के सरपंच-उपसरपंच एवं पंचों के द्वारा लिखित आपत्ति के माध्यम से यह भी बताया गया कि शासन द्वारा एकतरफा उमरियापान को नगर परिषद बनाने की जो प्रक्रिया की जा रही है वह अवैध और विधि प्रक्रिया से भी दूषित है, साथ ही नगर परिषद अधिनियम 1965 के विपरित है। इस संबंध में हमारे द्वारा किसी तरह की सहमति नहीं दी गई और शासन द्वारा 2011 में निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की सहमति को आधार बनाया जा रहा है जो उचित नहीं है क्योंकि किसी भी ग्राम पंचायत को नगर परिषद बनाने के लिये वर्तमान जनप्रतिनिधियों की अनुमति आवश्यक है। ऐसे में जो प्रक्रिया चल रही है वह सही नहीं है। लिहाजा नगर परिषद बनाने की प्रक्रिया को नागरिकों के हित में निरस्त किया जाये।
नगर परिषद के विरोध में पारित हो चुके हैं प्रस्ताव
स्मरण रहे कि उमरियापान, पचपेढ़ी, बरौदा और बम्हनी ग्राम पंचायत को मिलाकर शासन द्वारा उमरियापान को नगर परिषद बनाने के विरोध में 15 अगस्त को विशेष ग्रामसभा का आयोजन किया गया था इस दौरान उक्त चारों पंचायतों में एक स्वर में नगर परिषद बनाने के विरोध में प्रस्ताव पारित किये गये और संबंधित प्रस्ताव अनुविभागीय अधिकारी ढीमरखेड़ा को सौंपे गये और मांग की गई कि ग्रामसभा में हुई कार्यवाही को दृष्टिगत उक्त नगर परिषद की प्रक्रिया को तत्काल स्थगित किया जावे। इस दौरान समाजसेवी संतोष दुबे, अटल ब्यौहार सरपंच ग्राम पंचायत उमरियापान , उप सरपंच जागेश्वर सोनी, शिवचरण पटैल, सरपंच ग्राम पंचायत पचपेढी , विवेक ( रिंकू मिश्रा ) उप सरपंच एवं समस्त पंचगण पचपेढ़ी, रतिराम कोल सरपंच ग्राम पंचायत बरौदा, कुलदीप तिवारी उप सरपंच एवं समस्त पंचगण ग्राम पंचायत बरौदा एवं ग्राम पंचायत बम्हनी सरपंच अनीता कोरी,सहित बड्डा गुप्ता, शिल्लू बर्मन, भैया जी बर्मन आदि पंचायत प्रतिनिधियों के साथ ही भारी संख्या में ग्रामीणों की उपस्थिति रही।
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