जनसेवा मित्र रत्नेश पटैल द्वारा महिला चौपाल लगाकर मुख्यमंत्री द्वारा दी जाने वाली योजनाओं के विषय मे अवगत कराया
जनसेवा मित्र रत्नेश पटैल द्वारा महिला चौपाल लगाकर मुख्यमंत्री द्वारा दी जाने वाली योजनाओं के विषय मे अवगत कराया
ढीमरखेड़ा - जनसेवा मित्र रत्नेश पटैल के द्वारा ग्रामीणों को शासन की योजनाओं के विषय में जानकारी दी जा रही है। चौपाल लगाकर शासन की महत्वाकांक्षी योजनाओं को जन - जन तक पहुंचाने का काम किया जा रहा हैं। वही जनसेवा मित्र रत्नेश पटैल के द्वारा घर - घर जाकर किस हितग्राही को योजना का लाभ मिला है किसको नहीं मिला इसके विषय में जानकारी अवगत की जा रही है। गौरतलब है कि जिसको योजना का लाभ नहीं मिल रहा हैं उसके विषय में उच्च - अधिकारियो का ध्यान आकर्षित कराया जा रहा है ताकि योजना का लाभ सभी हितग्राहियों को मिले।मध्य प्रदेश में लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जुटे हुए हैं। इसी के चलते सीएम शिवराज ने जनसेवा मित्रों की तादाद में बढ़ोतरी करने का एलान किया है। स्वतंत्रता दिवस भाषण में सीएम ने प्रदेश के हर 50 परिवार पर एक जनसेवा मित्र तैनात करने की बात कही है। उनका कहना है कि प्रशासन और जनता के बीच सेतु का काम करने वाले यह जनसेवा मित्र हर आम इंसान तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने में सहयोग करेंगे।सीएम शिवराज ने कहा कि इन जनसेवा मित्रों से लोगों का फायदा पहुंचाने की यहां तक कोशिश है कि अगर कोई व्यक्ति किसी वजह से राशन लेने नहीं जा सकता है तो यह जनसेवा मित्र उन्हें घर-घर तक राशन पहुंचाने में भी मदद करेंगे।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमने प्रशासन और जनता के बीच एक नई सीढ़ी खड़ी कर दी है जो पात्र हितग्राहियों तक विभिन्न योजनाओं का लाभ पहुंचा रहे हैं. उन्होंने कहा कि अभी प्रदेश में मौजूद जनसेवा मित्र 4-5 पंचायतों के बीच एक की संख्या में हैं लेकिन जल्दी ही इनकी तादाद इतनी कर दी जाएगी कि हर पचास परिवार पर एक जनसेवा मित्र काम कर सके।सीएम ने कहा कि जनसेवा मित्र इन परिवारों की देखरेख भी करेंगे और उनकी चिंता भी करेंगे। सीएम शिवराज ने स्पष्ट किया कि देखरेख या चिंता के मायने किसी परिवार के बीमार को स्वास्थ्य योजना का लाभ दिलाने से लेकर लोगों को राशन दिलाने तक की जिम्मेदारी पूरी करना है। उन्होंने कहा कि भविष्य में प्रदेश में इन जनसेवा मित्रों की संख्या 3 लाख से ज्यादा पहुंचेगी। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि ये सरकारी नौकरी नहीं, लेकिन इससे जनता को सहायता पहुंचाने का सुकून युवाओं को मिलेगा। साथ प्रशासकीय कामों की समझ लेने के मौके के साथ हर माह मिलने वाले मानदेय का फायदा भी इन्हें होगा।
अभी कितने जनसेवा मित्र
अटल बिहारी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान द्वारा तैयार की गई सीएम यूथ इंटर्नशिप प्रोग्राम के तहत दो चरणों में अब 9 हजार से अधिक जनसेवा मित्र नियुक्त किए जा चुके हैं जो प्रदेश के हर ब्लॉक तक पहुंचकर लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने का काम कर रहे हैं. प्रथम चरण में नियुक्त किए गए 4695 जनसेवा मित्र अपने कार्यकाल के 6 माह पूरे कर चुके हैं।इनको शुरुआत में 8 हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय दिया जा रहा था, जो अब बढाकर 10 हजार रुपए प्रतिमाह कर दिया गया है। इसके अगले चरण में इसी अगस्त माह को इतने ही जनसेवा मित्र और नियुक्त किए गए हैं। अब नए और पुराने जनसेवा मित्र मिलकर प्रदेशभर के गांव-गांव तक जनता और प्रशासन के बीच सेतु बनकर काम कर रहे हैं।
जनसेवा मित्रों की विकास यात्रा
पिछले 6 माह से मैदान में काम करते हुए जनसेवा मित्रों ने 16 हजार से ज्यादा पंचायतों तक पहुंच स्थापित की है। इस दौरान उन्होंने लाड़ली बहना योजना के सर्वे के लिए करीब 21 लाख महिलाओं से संपर्क किया। जनसेवा मित्रों ने इन महिलाओं के ई केवाईसी अपडेट कराने में सहयोग प्रदान किया। साथ ही 5.8 लाख से ज्यादा आवेदन भरे और कुल 11 लाख महिलाओं को आवेदन प्रक्रिया में शामिल होने में मदद की।
सुशासन की दिशा में उठे कदम
मुख्यमंत्री सामुदायिक युवा नेतृत्व विकास कार्यक्रम, चीफ मिनिस्टर्स यंग प्रोफेशनल्स फॉर डेवलपमेंट प्रोग्राम, पेसा समन्वयक और मुख्यमंत्री जनसेवा मित्र के रूप में कार्य जैसे बड़े कार्यक्रमों के माध्यम से राज्य सरकार युवाओं को जन-कल्याण के कार्यों में सरकार का साझेदार बना रही है. साइबर तहसील, लोक सेवा गारंटी कानून का प्रभावी क्रियान्वयन, जन सुनवाई, सीएम हेल्पलाईन, समाधान ऑनलाईन, समाधान एक दिन, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रान्सफर और सीएम जनसेवा योजना जैसे नवाचारों ने मध्यप्रदेश को गुड गवर्नेंस के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों की पंक्ति में लाकर खड़ा कर दिया है।
जनभागीदारी से किया विकास
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में विकास की एक नई तहरीर लिखी गई है लेकिन यह काम सरकार ने अकेले नहीं किया बल्कि इसमें जनभागीदारी भी सुनिश्चित की गई है. कोविड जैसे विकट काल से लेकर स्वचछता, जल संरक्षण, पौधारोपण, बेटी बचाओ बेटी पढाओ जैसे कामों में भी जनभागीदारी से उच्च सफलता और मापदंड हमने हासिल किए हैं।
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