सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

बारिश के दौरान बच्चे होते हैं परेशान, आंगनवाड़ी और मंदिर का लेना पड़ रहा हैं सहारा जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी भूले कार्यवाही होना जरूरी

 बारिश के दौरान बच्चे होते हैं परेशान, आंगनवाड़ी और मंदिर का लेना पड़ रहा हैं सहारा

जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी भूले कार्यवाही होना जरूरी









ढीमरखेड़ा  | शिक्षा विभाग द्वारा भले ही स्कूलों में अध्ययनरत छात्रों के लिए सारी सुविधाओं की उपलब्धि का दावा किया जा रहा है, लेकिन जमीनी स्तर पर अभी भी कुछ स्कूल भवन अपनी दुर्दशा की कहानी खुद बयां कर रहे हैं, इनमें से ही एक जनपद शिक्षा केन्द्र ढीमरखेड़ा के अंतर्गत आने वाली प्राथमिक शाला डूंड़ी का स्कूल भवन है,जिसे जर्जर घोषित किये हुए तो कई सालों का वक्त बीत चुका है,पर यहां अध्ययनरत छात्र व शिक्षक अभी तक नये भवन की बांट जोह नजर रहे हैं,हर साल बारिश के दिनों में इनके द्वारा स्कूल भवन की मांग तो उठाई जाती है,पर अभी तक समस्या जस की तस बनी हुई है,हालांकि लगभग दो साल पूर्व यहां निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत हरदी को यहां स्कूल भवन बनाने की जिम्मेदारी तो सौंपी गई,पर यहां के तत्कालीन सरपंच - सचिव द्वारा निर्माण कार्य तय समय में नहीं कराया गया हैं,लिहाजा बारिश होते ही पुराने और जर्जर घोषित स्कूल भवन के एक कमरे में मजबूरी वश बैठकर कक्षा एक से पांच में अध्ययन करने वाले बच्चे छत से टपकने वाली बारिश की बूंदों और छत की उधड़ रही उधड़न के नीचे गिरने के भय से यहां संचालित आंगनबाड़ी केंद्र और समीप ही बने मंदिर में बैठकर अध्ययन करने मजबूर हैं, जहां जगह की कमी के चलते बीते दो दिनों से शिक्षक खड़े होकर इनको अध्यापन कार्य कराते देखने मिल रहे हैं। इसको लेकर शाला प्रभारी अर्चना झारिया ने बताया की हमारे द्वारा लगातार शिक्षा विभाग के अधिकारियों को वर्तमान समय में स्कूल के संचालन को लेकर भवन की उपलब्धता कराये जाने पत्र लिखने का कार्य किया जा रहा है, पर किराये का भवन तक की उपलब्धता न हो पाने से मंदिर और आंगनबाड़ी भवन में स्कूल का संचालन किया जा रहा है। अतः ऐसी लगातार बारिश की स्थिति में बुधवार को आयोजित शाला प्रबंधन समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया है की जब तक नवीन स्कूल भवन में शाला का संचालन नहीं हो पा रहा है,तब तक विद्यालय को बंद रखा जाये।जिसे बीआरसी ढीमरखेड़ा को प्रेषित करने का कार्य भी किया गया है।   

इनका कहना हैं

डूड़ी प्राथमिक शाला के नवीन भवन निर्माण में संबंधित निर्माण एजेंसी द्वारा बहुत देरी की गई है,पर ऐसी स्थिति में स्कूल बंद रखने का भी कोई प्रावधान नहीं है, अतः भवन निर्माण पूर्ण होने तक बच्चों की बैठक व्यवस्था बनाने जिला- स्तर पर प्रस्ताव भेजा गया है, शीघ्र ही समस्या का हल निकाले जाने का प्रयास किया जायेगा। 

प्रेम कुमार कोरी,बीआरसी, ढीमरखेड़ा।       


                            

ड़ूंड़ी स्कूल का नवीन भवन जिसका निर्माण नौ लाख की लागत से कराया जा रहा है, उसमें बीच में राशि का भुगतान अटकने से कार्य में देरी हुई है, अतः गर्मी के दिनों से लगातार निर्माण कार्य जारी है, वर्तमान में निर्माणकार्य पूर्ण हो चुका है, सिर्फ एक कमरे की छपाई का कार्य शेष है,जिसको लेकर आज ही हमारे द्वारा वहां सरपंच के साथ जाकर संबंधित ठेकेदार को इसी हफ्ते में समस्त कार्य को पूर्ण कराने की बात कही गई है। 

बृजमोहन दाहिया, इंजीनियर, शिक्षा विभाग।

टिप्पणियाँ

popular post

तीसरी संतान होने पर गई महिला शिक्षक की नौकरी, मध्यप्रदेश के शिक्षकों में मचा हड़कंप लेकिन ढीमरखेड़ा में कार्रवाई से क्यों बच रहे हैं दोषी? ढीमरखेड़ा तहसील के एक बाबू पर बहुत जल्द गिरेगी तीन संतान पर गाज

 तीसरी संतान होने पर गई महिला शिक्षक की नौकरी, मध्यप्रदेश के शिक्षकों में मचा हड़कंप लेकिन ढीमरखेड़ा में कार्रवाई से क्यों बच रहे हैं दोषी? ढीमरखेड़ा तहसील के एक बाबू पर बहुत जल्द गिरेगी तीन संतान पर गाज  ढीमरखेड़ा |  मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले से आई एक खबर ने पूरे राज्य के सरकारी शिक्षकों के बीच हड़कंप मचा दिया है। छतरपुर के धमौरा स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की महिला शिक्षक रंजीता साहू को सिर्फ इसलिए नौकरी से निकाल दिया गया क्योंकि उन्होंने तीसरी संतान होने की बात को छिपाया था। ये घटना ना सिर्फ नियमों के उल्लंघन का प्रतीक है, बल्कि यह भी उजागर करती है कि कुछ जिलों में सख्त प्रशासनिक रवैया अपनाया जा रहा है, जबकि कुछ स्थानों पर, जैसे ढीमरखेड़ा विकासखंड में, ऐसे नियमों को पूरी तरह नज़रअंदाज किया जा रहा है। रंजीता साहू, जो कि छतरपुर जिले के धमौरा क्षेत्र में सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में पदस्थ थीं, उन पर 2022 में यह आरोप लगा कि उन्होंने तीसरी संतान होने के बावजूद यह जानकारी विभाग से छुपाई और अपनी नौकरी जारी रखी। जबकि 2001 में राज्य सरकार द्वारा यह नियम लागू कि...

पुलिस विभाग के बब्बर शेर, सहायक उप निरीक्षक अवध भूषण दुबे का गौरवशाली पुलिस जीवन, 31 मार्च को ढीमरखेड़ा थाने से होगे सेवानिवृत्त, सेवानिवृत्त की जानकारी सुनके आंखे हुई नम

 पुलिस विभाग के बब्बर शेर, सहायक उप निरीक्षक अवध भूषण दुबे का गौरवशाली पुलिस जीवन, 31 मार्च को ढीमरखेड़ा थाने से होगे सेवानिवृत्त,  सेवानिवृत्त की जानकारी सुनके आंखे हुई नम  ढीमरखेड़ा |   "सच्चे प्रहरी, अडिग संकल्प, निर्भीक कर्म" इन शब्दों को अगर किसी एक व्यक्ति पर लागू किया जाए, तो वह हैं अवध भूषण दुबे। अपराध की दुनिया में जिनका नाम सुनते ही अपराधियों के दिल कांप उठते थे, आम जनता जिन्हें एक रक्षक के रूप में देखती थी, और जिनकी उपस्थिति मात्र से ही लोग सुरक्षित महसूस करते थे ऐसे थे ढीमरखेड़ा थाने के सहायक उप निरीक्षक अवध भूषण दुबे। 01 मार्च 1982 को जब उन्होंने मध्य प्रदेश पुलिस की सेवा में कदम रखा था, तब किसी ने नहीं सोचा था कि यह व्यक्ति आने वाले चार दशकों तक अपने साहस, कर्तव्यपरायणता और निडरता के लिए बब्बर शेर के नाम से जाना जाएगा। 43 वर्षों से अधिक की सेवा के बाद, 31 मार्च 2025 को वे ढीमरखेड़ा थाने से सेवानिवृत्त हो रहे हैं, लेकिन उनके किए गए कार्य और उनकी यादें हमेशा लोगों के दिलों में जीवित रहेंगी। *अपराधियों के लिए काल "बब्बर शेर"* अपराध की दुनिया में कुछ प...

फांगो का जंगी मुकाबला 2025 आयोजक प्रकाश बागरी पंडा बाबा दिनांक 24.03.2025 दिन सोमवार ग्राम सिमरिया में होगा आयोजित गायक मंगो बाई की रहेगी उपस्थिति

 फांगो का जंगी मुकाबला 2025 आयोजक प्रकाश बागरी पंडा बाबा दिनांक 24.03.2025 दिन सोमवार ग्राम सिमरिया में होगा आयोजित गायक मंगो बाई की रहेगी उपस्थिति