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भगवान परशुराम जयंती पर उमरियापान में शोभायात्रा, सनातन एकता का होगा दिव्य प्रदर्शन, ब्राह्मण समाज की दिखेगी एकता हर जगह जय जय परशुराम के लगेगे नारे , सनातन एकता का अद्वितीय प्रदर्शन

 भगवान परशुराम जयंती पर उमरियापान में शोभायात्रा, सनातन एकता का होगा दिव्य प्रदर्शन, ब्राह्मण समाज की दिखेगी एकता हर जगह जय जय परशुराम के लगेगे नारे , सनातन एकता का अद्वितीय प्रदर्शन ढीमरखेड़ा |  भारतीय संस्कृति में भगवान परशुराम को विष्णु के छठवें अवतार के रूप में पूजा जाता है। वे न केवल ब्राह्मणों के लिए अपार श्रद्धा का केंद्र हैं, बल्कि पूरे सनातन धर्मावलंबियों के लिए वह शक्ति, तप, त्याग और न्यायप्रियता के प्रतीक हैं। उनका जन्म दिवस "भगवान परशुराम जयंती" के रूप में वैशाख शुक्ल तृतीया को मनाया जाता है। यह दिन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होता है, बल्कि समाज में एकता, शौर्य और संस्कृति का बोध कराने का अवसर भी होता है। इसी क्रम में इस वर्ष 30 अप्रैल को मध्यप्रदेश के उमरियापान नगर में भगवान परशुराम जयंती के अवसर पर एक भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें ब्राह्मण समाज की एकता, सनातन धर्म की गरिमा और आध्यात्मिक ऊर्जा का दिव्य प्रदर्शन देखने को मिलेगा। *भगवान परशुराम तप और तेज के प्रतीक* भगवान परशुराम वह ऋषि योद्धा थे जिन्होंने अन्याय के विरुद्ध हथियार उठाए, ले...

हिसाब होगा हर एक आंसू का, हिसाब होगा हर एक गोली का सिर्फ आतंकी ही नहीं, वो भी नहीं बख्शे जाएंगे जो पर्दे के पीछे से इस नापाक हरकत में आतंकियों का साथ दे रहे हैं

 हिसाब होगा हर एक आंसू का, हिसाब होगा हर एक गोली का सिर्फ आतंकी ही नहीं, वो भी नहीं बख्शे जाएंगे जो पर्दे के पीछे से इस नापाक हरकत में आतंकियों का साथ दे रहे हैं ढीमरखेड़ा |  "हिसाब होगा हर एक आंसू का, हिसाब होगा हर एक गोली का" यह केवल एक नारा नहीं है, बल्कि उन मासूम लोगों की चीख है जो आतंकवाद के कारण अपने अपनों को खो चुके हैं। यह उन शहीद जवानों की कसम है जिन्होंने देश की सुरक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। यह उन नागरिकों का प्रण है जो अब चुप नहीं रहेंगे। आतंकवाद सिर्फ एक सीमा पार से आया खतरा नहीं है, यह एक मानसिकता है, एक षड्यंत्र है, जिसमें कुछ चेहरे सामने होते हैं और कई पर्दे के पीछे छिपे होते हैं। *आतंकवाद एक वैश्विक संकट, लेकिन भारत की विशेष पीड़ा* भारत दशकों से आतंकवाद का शिकार रहा है, चाहे वह 1993 का मुंबई बम धमाका हो, 2001 में संसद पर हमला हो, 2008 का 26/11 हमला हो या पुलवामा की भयावह घटना। इन सबका मकसद एक ही था  भारत को कमजोर करना, भारतीय समाज में डर पैदा करना और राजनीतिक अस्थिरता फैलाना। लेकिन भारत ने हर बार जवाब दिया, कभी सीमा पर, कभी कूटनीतिक मंचों पर। *आ...

उमरियापान पुलिस की शानदार कार्यवाही, चोरी के 72 घंटे के भीतर आरोपी गिरफ्तार, लाखों के जेवरात व नगदी बरामद

 उमरियापान पुलिस की शानदार कार्यवाही, चोरी के 72 घंटे के भीतर आरोपी गिरफ्तार, लाखों के जेवरात व नगदी बरामद ढीमरखेड़ा |  उमरियापान थाना क्षेत्र के ग्राम महनेर में 22 अप्रैल को घटित चोरी की घटना ने न केवल पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी थी, बल्कि पुलिस के सामने भी एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी थी। चोरी की यह वारदात एक बुजुर्ग व्यक्ति के घर में हुई थी, जहां से लाखों रुपये मूल्य के सोने-चांदी के जेवरात और नगदी चोरी कर ली गई थी। किंतु उमरियापान पुलिस ने महज 72 घंटे के भीतर इस गंभीर मामले का खुलासा कर यह साबित कर दिया कि यदि नीयत और निगरानी सशक्त हो तो कोई भी अपराधी कानून के लंबे हाथों से बच नहीं सकता।  *बुजुर्ग के घर से लाखों की चोरी* 22 अप्रैल की रात ग्राम महनेर निवासी हरभजन काछी पिता राम गोपाल काछी, उम्र 70 वर्ष, जब अपने किसी पारिवारिक कार्य में व्यस्त थे, तभी उनके घर का ताला तोड़कर अज्ञात चोर ने कमरे में घुसकर घर में रखे बहुमूल्य सामान पर हाथ साफ कर दिया। हरभजन काछी द्वारा दर्ज की गई रिपोर्ट में उल्लेख किया गया कि चोर ने घर से सोने की पंचाली, पेंडल, अंगूठी, झुमकी, सोने की चेन, द...

प्रशासनिक अनदेखी या मिलीभगत? तहसील ढीमरखेड़ा की सहायक ग्रेड-3 गीता झारिया के विरुद्ध शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं

 प्रशासनिक अनदेखी या मिलीभगत? तहसील ढीमरखेड़ा की सहायक ग्रेड-3 गीता झारिया के विरुद्ध शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं ढीमरखेड़ा |  लोकतंत्र की आत्मा निष्पक्षता, पारदर्शिता और जिम्मेदारी में निहित होती है। जब कोई सरकारी कर्मचारी अपनी योग्यता, कर्तव्यनिष्ठा और आचरण में दोषी पाया जाता है और उसके खिलाफ उच्च अधिकारियों द्वारा दिए गए निर्देशों के बावजूद भी कार्रवाई नहीं होती, तो यह न केवल शासन व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है, बल्कि जनता के विश्वास को भी गहरा आघात पहुँचाता है। ऐसा ही एक मामला तहसील ढीमरखेड़ा में सहायक ग्रेड-3 पद पर कार्यरत गीता झारिया से जुड़ा हुआ है, जिसकी शिकायत एक प्रतिष्ठित जबलपुर निवासी वकील द्वारा की गई थी, लेकिन वर्षों बीत जाने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। *शिकायत का आधार और पात्रता पर सवाल* शिकायतकर्ता वकील ने स्पष्ट रूप से आरोप लगाया था कि गीता झारिया के पास सहायक ग्रेड-3 पद के लिए अनिवार्य कंप्यूटर दक्षता प्रमाण पत्र (CPCT) नहीं है, जो इस पद के लिए अनिवार्य योग्यता है। शासन द्वारा तय मापदंडों के अनुसार इस पद पर नियुक्त व्यक्ति को कंप्यूटर पर हिं...

विलायत कला के जंगल में प्लांटेशन में लगी आग, लापरवाही, नुकसान और जिम्मेदार कौन? बीड प्रभारी सुकेश जरहा एवं डिप्टी रेंजर राजेन्द्र कर्ण के ऊपर गिरनी चाहिए निलंबन की गाज

 विलायत कला के जंगल में प्लांटेशन में लगी आग, लापरवाही, नुकसान और जिम्मेदार कौन? बीड प्रभारी सुकेश जरहा एवं डिप्टी रेंजर राजेन्द्र कर्ण के ऊपर गिरनी चाहिए निलंबन की गाज ढीमरखेड़ा |  प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए देशभर में वृक्षारोपण कार्यक्रम चलाए जाते हैं। मध्यप्रदेश के ग्रामीण अंचलों में भी वन विभाग द्वारा समय-समय पर प्लांटेशन किया जाता है। लेकिन जब इस मेहनत से लगाए गए पौधे असावधानी, लापरवाही या साजिश का शिकार हो जाते हैं, तो सिर्फ पर्यावरण को ही नुकसान नहीं होता, बल्कि शासन को आर्थिक हानि और ग्रामीणों को मानसिक संताप भी झेलना पड़ता है। ग्राम विलायत कला के पास लगे जंगल में लगी आग की घटना इसी श्रृंखला की कड़ी है। ग्राम विलायत कला के समीप जंगल में वन विभाग द्वारा हाल ही में प्लांटेशन कराया गया था, जिसमें लाखों रुपए की लागत से सैकड़ों पौधे रोपे गए थे। यह प्लांटेशन न केवल पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक था, बल्कि ग्रामीणों को रोजगार और भविष्य की हरियाली की उम्मीद भी थी। लेकिन अचानक इस क्षेत्र में आग लग गई। ग्रामीणों ने जब धुआं उठता देखा तो तुरंत ही वन विभाग को सूचना दी। उन्हों...

विक्रेताओं के शोषण और शासन की अनदेखी उचित मूल्य दुकान प्रणाली का एक कड़वा सच

 विक्रेताओं के शोषण और शासन की अनदेखी उचित मूल्य दुकान प्रणाली का एक कड़वा सच ढीमरखेड़ा |  भारत सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के माध्यम से गरीब और जरूरतमंद वर्गों को सस्ते दामों पर खाद्यान्न उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उचित मूल्य दुकानों की स्थापना की थी। इन दुकानों के संचालन के लिए स्थानीय लोगों को विक्रेता के रूप में नियुक्त किया जाता है, जो शासन द्वारा तय नियमों के अंतर्गत कार्य करते हैं। लेकिन दुर्भाग्यवश, कई स्थानों पर इस प्रणाली का गंभीर रूप से दुरुपयोग हो रहा है। वर्तमान में जिस स्थिति की हम बात कर रहे हैं, उसमें एक विक्रेता को शासन द्वारा केवल एक दुकान संचालन की अनुमति होने के बावजूद एक ही व्यक्ति से तीन-तीन उचित मूल्य की दुकानों का संचालन करवाया जा रहा है। यह न केवल शासन के नियमों का उल्लंघन है, बल्कि मानवाधिकारों का हनन भी है। *विक्रेता की स्थिति* एक विक्रेता को तीन दुकानों का संचालन अकेले करना पड़ रहा है। हर दुकान का संचालन न केवल समय-साध्य है, बल्कि शारीरिक और मानसिक रूप से भी बेहद कठिन है। शासन के नियम स्पष्ट रूप से कहते हैं कि एक विक्रेता को केवल एक दुका...

लाडली बहनों का रो रोकर बुरा हाल प्रशासन बना मूकदर्शक, ग्राम हल्का में 30 वर्षों से खेती कर रहीं पाँच महिलाओं की फसल जेसीबी से नष्ट, प्रशासन पर पक्षपातपूर्ण कार्रवाई का आरोप विधवा और विकलांग महिलाओं की जीवनरेखा छिनी, रात 10 बजे भेजा नोटिस, अगली सुबह पूरी फसल नष्ट; सरपंच और दबंगों पर गंभीर आरोप

 लाडली बहनों का रो रोकर बुरा हाल प्रशासन बना मूकदर्शक, ग्राम हल्का में 30 वर्षों से खेती कर रहीं पाँच महिलाओं की फसल जेसीबी से नष्ट, प्रशासन पर पक्षपातपूर्ण कार्रवाई का आरोप विधवा और विकलांग महिलाओं की जीवनरेखा छिनी, रात 10 बजे भेजा नोटिस, अगली सुबह पूरी फसल नष्ट; सरपंच और दबंगों पर गंभीर आरोप ढीमरखेड़ा |  जिला मुख्यालय के अंतर्गत आने वाले ग्राम हल्का, ग्रामपंचायत अतरसूमा में प्रशासन द्वारा की गई अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही इन दिनों विवाद और जनाक्रोश का केंद्र बनी हुई है। पाँच गरीब और भूमिहीन महिलाएं  पंचो बाई गौड़, द्रोपती बाई गौड़, मैकी बाई गौड़, ज्ञान बाई गौड़ और प्रेम बाई गौड़  जो बीते 30 से 35 वर्षों से शासकीय भूमि पर एक-एक एकड़ में लगातार खेती कर रही थीं, उनकी तैयार मूंग और उड़द की फसल को प्रशासन ने जेसीबी व ट्रैक्टर से रौंदते हुए एक झटके में नष्ट कर दिया। यह कार्रवाई 22 अप्रैल 2025 को की गई, जबकि नोटिस मात्र एक रात पहले 21 अप्रैल को रात 10 बजे दिया गया था। पीड़ित महिलाओं का कहना है कि उन्होंने प्रशासन से विनती की कि फसल कटने तक उन्हें जमीन दिया जाए, जिसके बाद वे स्...