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ढीमरखेड़ा पुलिस की सघन कॉम्बिंग गश्त, लंबे समय से फरार 02 स्थायी वारंटियों की गिरफ्तारी और अवैध शराब के अड्डों पर कसा शिकंजा

  ढीमरखेड़ा पुलिस की सघन कॉम्बिंग गश्त,  लंबे समय से फरार 02 स्थायी वारंटियों की गिरफ्तारी और अवैध शराब के अड्डों पर कसा शिकंजा ढीमरखेड़ा |  थाना क्षेत्र ढीमरखेड़ा में कानून व्यवस्था को सुदृढ़ बनाए रखने और अपराधियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करने की दिशा में जिला कटनी पुलिस निरंतर सक्रिय है। पुलिस अधीक्षक अभिनय विश्वकर्मा के कुशल निर्देशन में जिले की विभिन्न पुलिस इकाइयाँ विशेष अभियान चलाकर अपराधियों की धरपकड़, अवैध कारोबारों पर नकेल कसने, एवं जनता में सुरक्षा की भावना को प्रबल करने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। इसी कड़ी में थाना ढीमरखेड़ा पुलिस ने हाल ही में एक विशेष कॉम्बिंग गश्त के दौरान बड़ी सफलता हासिल की है। गश्त के दौरान न केवल दो लंबे समय से फरार स्थायी वारंटियों को गिरफ्तार किया गया, बल्कि अवैध शराब के अड्डों पर भी छापेमारी करते हुए आबकारी अधिनियम के तहत कार्यवाही की गई। यह सम्पूर्ण कार्यवाही पुलिस अधीक्षक अभिनय विश्वकर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष डेहरिया एवं एसडीओपी स्लीमनाबाद प्रभात शुक्ला के मार्गदर्शन में की गई। कॉम्बिंग गश्त एक सुव्यवस्थित और योजनाबद्ध पुल...

जिला पंचायत उपाध्यक्ष की शिकायतों के बाद डीईओ पृथ्वी पाल सिंह पर गिरी गाज, कटनी से हटाए गए, स्कूल शिक्षा विभाग ने जबलपुर किया तबादला, विवादों में घिरी रही कार्यशैली

 जिला पंचायत उपाध्यक्ष की शिकायतों के बाद डीईओ पृथ्वी पाल सिंह पर गिरी गाज, कटनी से हटाए गए, स्कूल शिक्षा विभाग ने जबलपुर किया तबादला, विवादों में घिरी रही कार्यशैली ढीमरखेड़ा ।  कटनी जिले में पदस्थापना के बाद से ही लगातार विवादों में रहने वाले प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी पृथ्वीपाल सिंह को आखिरकार राज्य सरकार ने हटा दिया है। उन्हें जबलपुर जिले में कार्यालय संयुक्त के पद पर पदस्थ किया गया है। हालांकि अभी तक उनके स्थान पर कटनी में किसी भी जिला शिक्षा अधिकारी की पोस्टिंग नहीं की गई है। ऐसा माना जा रहा है कि आज शाम या कल तक नए जिला शिक्षा अधिकारी की पद स्थापना कर दी जाएगी। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि जिला शिक्षा अधिकारी पृथ्वी पाल सिंह कटनी जिले में अपना 3 साल का निर्धारित समय भी पूरा कर चुके थे, लेकिन ऊपर तक पहुंच होने के कारण उन्हें हटाया नहीं जा रहा था। कटनी में पिछले 3 साल के दौरान शिक्षा विभाग में हुई अनियमितताओं की शिकायत जबलपुर से लेकर राजधानी तक पहुंची थी। जिला पंचायत कटनी के उपाध्यक्ष अशोक विश्वकर्मा ने भी वित्तीय अनियमितताओं की शिकायत राज्य सरकार से की थी। स्थानीय स्तर पर...

लोहगड़िया समुदाय के लोग ठंडी गर्मी में रहते हैं तंबू बनाकर हर विषम परिस्थितियों का करते हैं अकेले सामना इतनी तेज धूप में पोड़ी कला बी खिरवा में रहते हैं आम के पेड़ो के नीचे व्यवसाय की दृष्टि से जगह - जगह घूमकर करते हैं अपना जीवनयापन आम नागरिको को इनके कठिन परिश्रम से लेना चाहिए सीख

 लोहगड़िया समुदाय के लोग ठंडी गर्मी में रहते हैं तंबू बनाकर हर विषम परिस्थितियों का करते हैं अकेले सामना इतनी तेज धूप में पोड़ी कला बी खिरवा में रहते हैं आम के पेड़ो के नीचे व्यवसाय की दृष्टि से जगह - जगह घूमकर करते हैं अपना जीवनयापन आम नागरिको को इनके कठिन परिश्रम से लेना चाहिए सीख ढीमरखेड़ा  |  भारत विविधताओं से भरा देश है। यहां विभिन्न जातियाँ, समुदाय और परंपराएँ सह - अस्तित्व में रहती हैं। इन समुदायों में एक ऐसा समूह भी है, जो सुविधाओं से कोसों दूर रहकर भी आत्मनिर्भरता, परिश्रम और धैर्य की मिसाल पेश करता है वह है लोहगड़िया समुदाय। यह समुदाय आज भी तंबुओं में रहकर, धूप, गर्मी, सर्दी और बरसात जैसी विषम परिस्थितियों में जीवन व्यतीत करता है। वे आम के पेड़ों की छांव में अपने पारंपरिक व्यवसाय को जीवित रखते हुए, जगह-जगह घूमकर जीवनयापन करते हैं। उनके संघर्ष, साहस और परिश्रम से हर आम नागरिक को प्रेरणा लेनी चाहिए। लोहगड़िया समुदाय पारंपरिक रूप से लोहे से बने औजारों, कृषि उपकरणों और उपयोगी वस्तुओं के निर्माण में पारंगत होता है। इनकी पहचान एक घुमंतु और मेहनतकश जाति के रूप में होती...

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बरही से खाम्हा सड़क का निर्माण अत्यंत आवश्यक, बरसात में राहगीरों और आम - नागरिकों को होती है भारी परेशानी

 प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बरही से खाम्हा सड़क का निर्माण अत्यंत आवश्यक,  बरसात में राहगीरों और आम - नागरिकों को होती है भारी परेशानी  ढीमरखेड़ा  |  ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में सड़क की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) की शुरुआत भारत सरकार द्वारा इसी उद्देश्य से की गई थी कि ग्रामीण क्षेत्रों को पक्की सड़कों के माध्यम से मुख्यधारा से जोड़ा जा सके। लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अनेक गांव आज भी इस योजना के लाभ से वंचित हैं। तहसील क्षेत्र ढीमरखेड़ा के बरही से खाम्हा तक की सड़क इसका जीवंत उदाहरण है, जहां आज तक सड़क का निर्माण नहीं हो पाया है। विशेषकर बरसात के मौसम में स्थिति इतनी दयनीय हो जाती है कि आम नागरिकों का आवागमन लगभग बंद हो जाता है। बरही से खाम्हा की दूरी लगभग तीन किलोमीटर है, लेकिन यह दूरी नागरिकों के लिए एक दु:स्वप्न के समान हो जाती है, विशेषकर वर्षा ऋतु में। यह मार्ग पूरी तरह से कच्चा है, जगह-जगह पर गड्ढे हैं, और बरसात में कीचड़ के कारण चलना भी मुश्किल हो जाता है। छोटे वाहन जैसे साइकिल, मोटरसाइकिल इस मार...

पसीना बहाने का नहीं मिल रहा मनरेगा का भुगतान, ढीमरखेड़ा क्षेत्र की लाड़ली बहना हों रही परेशान

 पसीना बहाने का नहीं मिल रहा मनरेगा का भुगतान, ढीमरखेड़ा क्षेत्र की लाड़ली बहना हों रही परेशान   ढीमरखेड़ा |  महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी को कम करना और गरीबों को सम्मानजनक आजीविका का अवसर प्रदान करना है। लेकिन मध्यप्रदेश के कटनी जिले के जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा में मनरेगा के तहत किए गए कार्यों का भुगतान न होने के कारण मजदूरों में आक्रोश और निराशा फैल रही है। विशेषकर लाड़ली बहना जिनकी आजीविका का एकमात्र साधन यही मजदूरी थी वे सबसे अधिक प्रभावित हुई हैं लिहाज़ा जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा के अंतर्गत अनेकों ग्राम पंचायतें आती हैं, जिनमें हजारों की संख्या में गरीब, आदिवासी, दलित और पिछड़े वर्ग के मजदूर निवास करते हैं। इन मजदूरों ने ठंडी और गर्मी की परवाह किए बिना मनरेगा के अंतर्गत अनेक कार्यों को पूरा किया। लेकिन महीनों गुजर जाने के बाद भी उन्हें उनका मेहनताना नहीं मिल पाया है। प्रदेश सरकार की “लाड़ली बहना योजना” के अंतर्गत महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बना...

ढीमरखेड़ा क्षेत्र में बेरोजगारी की गंभीर स्थिति, मेहनती युवा, पर रोजगार का अभाव

 ढीमरखेड़ा क्षेत्र में बेरोजगारी की गंभीर स्थिति, मेहनती युवा, पर रोजगार का अभाव ढीमरखेड़ा |  मध्यप्रदेश के कटनी जिले के अंतर्गत आने वाला ढीमरखेड़ा एक ग्रामीण अंचल है, जिसकी पहचान प्राकृतिक संसाधनों, जनजातीय संस्कृति और मेहनतकश लोगों से होती है। लेकिन आज यह क्षेत्र एक गहरे संकट से जूझ रहा है बेरोजगारी। यहाँ के युवा मेहनत करने को तैयार हैं, लेकिन स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसरों की घोर कमी ने उनके भविष्य को अनिश्चितता में डाल दिया है। परिणामस्वरूप, अनेक युवा मजबूरी में बाहर के शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं, स्मरण रहें कि ढीमरखेड़ा एक जनपद पंचायत है जिसमें अनेक ग्राम पंचायतें शामिल हैं। यह इलाका पहाड़ी और वनक्षेत्रों से घिरा हुआ है। प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण होने के बावजूद यह क्षेत्र विकास के नक्शे से कहीं न कहीं गायब प्रतीत होता है। यहाँ की जनता मुख्यतः कृषि, मजदूरी, और वनों पर निर्भर है। परंतु अवसाद की बात यह है कि इन परंपरागत संसाधनों से भी अब भरपूर जीवन यापन संभव नहीं है, विदित है कि ढीमरखेड़ा में कोई बड़ा उद्योग, कारखाना या कंपनी नहीं है। यह सबसे बड़ा कारण है जिससे स्थान...

खुशियों की दास्तां, घूंघट से बाहर निकल आजीविका संवर्धन गतिविधि से लखपति दीदी बनीं प्रेमवती

 खुशियों की दास्तां, घूंघट से बाहर निकल आजीविका संवर्धन गतिविधि से लखपति दीदी बनीं प्रेमवती ढीमरखेड़ा |  कभी घर की चहार दीवारी में कैद रहकर घूंघट में रहने वाली विकासखण्ड कटनी के ग्राम पंचायत कैलवारा की श्रीमती प्रेमवती पटेल ने  स्व-सहायता समूह से जुड़कर आर्थिक स्वावलंबन की मिसाल बन गई हैं।। स्व-सहायता समूह की आजीविका संवर्धन गतिविधि के माध्यम से दुकान की विस्तारित स्वरूप देकर और कृषि कार्य में आधुनिक तकनीक की मदद से प्रेमवती अब हर माह 22 हजार रूपये  की आय अर्जित कर लखपति दीदी बन गई हैं। प्रेमवती पटेल बताती है कि समूह से जुड़ने के पहले उनकी मासिक आमदनी हर माह करीब 8 हजार रूपये ही थी। परिवार चलाना भी मुश्किल हो पा रहा था, बच्चों  की देख-रेख में भी कठिनाई हो रही थी और पति कि छोटी दुकान थी, जो बहुत ज्यादा चलती भी नहीं थी। ऐसे में स्व -सहायता समूह से जुड़ने के बाद उनके लिए तरक्की  के द्वार खुल गए ।प्रेमवती ने 10 महिलाओं के साथ मिलकर संकट मोचन स्व-सहायता समूह गठित किया और वे स्वयं इस समूह की अध्यक्ष चुनीं गईं। उन्होंने इस समूह से जुड़कर  कृषि कार्य में उन्नत बीज...